जीवन जैसे ज्योति जले
गूँज रहा है यूँ तो गुलशन , आजादी के नारों से । गूँज रहा है यूँ तो गुलशन , आजादी के नारों से ।
श्रावण मास श्रावण मास
जिस धरती पर जन्म मिला, वह तेरा ही तो रूप है, गंगा गौ भाषा में बसता, तेरा मात स्वरूप है जिस धरती पर जन्म मिला, वह तेरा ही तो रूप है, गंगा गौ भाषा में बसता, तेरा मात ...
सोचा नहीं कभी भी संचित, यहीं धरा रह जायेगा । निश्चित है गगरी टूटेगी, पानी सा बह जायेगा सोचा नहीं कभी भी संचित, यहीं धरा रह जायेगा । निश्चित है गगरी टूटेगी, पानी सा ...
गूँज रहा है यूँ तो गुलशन , आजादी के नारों से। गूँज रहा है यूँ तो गुलशन , आजादी के नारों से।
मैं ही कण- कण में हूँ व्यापक, साध्य साधना साधक मैं, मैं ही कण- कण में हूँ व्यापक, साध्य साधना साधक मैं,
आँखें खोलीं ,मिली पांव को दलदल की सौगात। आँखें खोलीं ,मिली पांव को दलदल की सौगात।
रोशन नाम करेंगी कुल का, खुशी भरेंगी दामन में। रोशन नाम करेंगी कुल का, खुशी भरेंगी दामन में।
दमके माँ की हरी घघरिया, गोटे जड़ी चुनरिया रे।५ दमके माँ की हरी घघरिया, गोटे जड़ी चुनरिया रे।५