Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

महेश जैन 'ज्योति'

Others

4  

महेश जैन 'ज्योति'

Others

श्रावण मास

श्रावण मास

1 min
225



श्रावण का मास अति , प्यारा भोले बाबा को है ,

पावन है सोमवार , शिव को मनाते हैं ‌।

करते प्रतीक्षा कब , आयेगा पवित्र मास,

भोले को मनाने हेतु, सब अकुलाते हैं ।

गंगा जी का नीर चढ़ा, करते हैं अभिषेक ,  

बेलपत्र आक पुष्प, धतूरा चढ़ाते हैं ।

कामना करें जो भक्त, पूर्ण करें भोले नाथ ,

होते हैं प्रसन्न दानी, औघड़ कहाते हैं ।

     *      *     *

अनगिन भक्त चलें , काँवर को काँधे धर,

नंगे पाँव चलते हैं, सरि तट आते हैं ।

पावन वसन सब, पहनते मुसकाते,

गंगाजी के जल हेतु ,काँवर सजाते हैं ।

मधुर स्वरों में सब, शिव के भजन गाते ,

अभिषेक हेतु भर , गंगाजल लाते हैं ।

धरती पै धरते न, काँवर को पल भर,

कहलाते काँवरिया, शिव को मनाते हैं !

     *     *     *

राहें अट जाती सब, मेला जैसा लग जाता,

हर-हर बम भोले, गूँजे जयकारा है  ।

काँवरिया उर में, निवास करे भक्ति भाव,

सेवा करते हैं सभी, होता पुण्य भारा है ।

जिसने मनाये भोले, रख उर प्रेम भाव ,

उसका ही करें शिव, भव से निस्तारा है ।

'ज्योति' भोले बाबा की तो, लीला ही निराली अति,

भोले भोलेनाथ करें ,कष्ट दूर सारा है ।।

   


Rate this content
Log in