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Priyanka Gupta

Inspirational

4.0  

Priyanka Gupta

Inspirational

मुट्ठी में आसमाँ होगा

मुट्ठी में आसमाँ होगा

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धाराऐं तो मिटती, बदलती, बनती रहेंगी 

नई धाराओं के प्रवाह में प्रभाव बना कर के चलो 


बदले के लिए नहीं, बदलने के लिए आगे बढ़ो 

दिल मिलाओ, गले लगाओ, संग संग आगे चलो 


दुश्वारियाँ तो राह में होंगी बहुत ये तय है 

दुश्वारियों पर हो सवार, नई राह बना कर चलो 


सूरज बन कर न चमक सको, कोई बात नहीं 

चाँद बन कर ही सही चांदनी फ़ैलाने को चलो 


शाम और फिर रात तो बेशक जिंदगी में आनी है 

छोड़ चिंता फ़िक्र हर पल का मज़ा लेकर के चलो 


गिले शिकवे बहुत पाले, रंजिशें कर ली जी भर 

मिटा दो काली स्याही

, रौशन इबारत से जहाँ

सजाने चलो


ज़ख्म खाये हैं बहुत सीने में, सहे हैं दर्द बेपनाह 

मरहम रूहानियत का लगा, उजालों को लाने चलो 


उम्मीदों की फसल लहलहाए आशाओं के फूल खिले 

केसर घाटी को इंसानियत के विश्वास से सिंचित करते चलो 


छंटेगा अँधियारा निःसंदेह, बनेगी बात बनते बनते 

स्वर्ग फिर से उतरेगा चार कदम तो मिलकर चलो 


प्रार्थनाएं फलित होंगी, दुआओं का असर होगा 

विष जो पाया अब तक, वो अब बेअसर होगा 


सच होंगे वो सभी सपने, देखे जो तुमने हमने 

मुट्ठी में आसमाँ होगा बढ़ाओ हाथ मुस्कुरा कर चलो 


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