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Priyanka Gupta

Abstract

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Priyanka Gupta

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माँ

माँ

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हर फिक्र से महफूज़ होता हूँ 

मैं जब भी माँ के कदमों में होता हूँ 

नेमत, रहमत, मन्नत, जन्नत है 

एक मोहब्बत भरी इबादत है माँ। 


जब भी आंधी बारिश में घर पहुँचता हूँ 

माँ की आँखों को नम पाता हूँ मैं 

जानता हूँ हमीद के चिमटे की बरकत 

दुआओं का एक खज़ाना पाया उसने। 


अनगिनत माताएं आशीष देती हैं 

आज नमो को उज्जवला के लिए 

मेरे ख़ज़ाने में कभी कोई कमी नहीं होती 

स्नेह भरा माँ का दिया सिक्का जो मेरे पास है। 


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