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Yaswant Singh Bisht

Inspirational

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Yaswant Singh Bisht

Inspirational

दीया

दीया

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रात की सुनहरी रौशनी में 

एक छत के नीचे 

दीया जलाए 

कुछ बच्चे 

किसी देश का 

भविष्य लिख रहे थे।

 

उस मिट्टी के दीपक के नीचे

भले ही अंधेरा था

मगर उसकी रोशनी में

सामने से बैठ

बड़ी तन्मयता से 

वह बच्चे पढ़ रहे थे।


भले ही दीपक 

अंधेरे को

अपने अंदर ही 

समेटना चाहता था 

ताकि उन बच्चों का

ध्यान वहां न जाए।


उसने भी सुना था 

बच्चे हर चीज को 

बड़ी जल्दी सीख जाते हैं 

और वह इन्तजार में था

 किसी तरह 

 जल्द ही 

रवि का राग पहुँच जाए।  


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