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Ruchi Madan

Inspirational

4.9  

Ruchi Madan

Inspirational

ज़िन्दगी तुझे गुनगुना रहा हूँ

ज़िन्दगी तुझे गुनगुना रहा हूँ

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ज़िन्दगी तुझें गुनगुना रहा हू

हर फ़िक्र को भूले जा रहा हूँ।


इस दुनिया में खुशियों को ढूंढता हूँ मै

और गमों से पीछा छुड़ा रहा हूँ।


कितनी हँसी है इन मासूम से चेहरों पे

बस इन्हें देख के जिये जा रहा हूँ।


जिंदगी तुझे गुनगुना रहा हूँ

जो नशा है तुझ मं उसको पिये जा रहा हूँ।


आसमान में उड़ते हुए परिंदो के सा

मैं भी उड़े जा रहा हूँ।


हर तरफ खिले हुए फूलो के रंगों में

मैं भी रंगे जा रहा हूँ।


ज़िन्दगी तुझे गुनगुना रहा हूँ

हाँ मैं तुझे जिये जा रहा हूँ।


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