मेरी गुड़िया, बस वही रहना
मेरी गुड़िया, बस वही रहना


फिर हुई है बेटी,
हर तरफ हाहाकार हुआ
खुशी का नहीं जैसे
किसी गम का है अवतार हुआ।
आँखों में सब की एक उदासी
छाई हुई होठों की हंसी भी
हैं अब मुरझाई हुई
मिठाई नहीं, अब सब हैं
तस्सली दे रहे जैसे घर में कोई
मुसीबत है आयी नई।
पालना तो है इसको मुझे
फिर क्यूँ ये सब परेशान हैं
बेटी हैं तो क्या हुआ
तू मेरा अभिमान है
तेरे मासूम चेहरे से नज़र
हटती नहीं मेरी।
डरना मत मेरी गुड़िया
तेरे पापा हमेशा तेरे साथ हैं
तू तो खुशियाँ ले के मेरी
बगिया में आयी सारी दुनिया।
मेरी तूने है महकाई
हर
इम्तिहान तूने आपने
हौसलों से पार किया
तेरे नाम से अब ये दुनिया मुझे
पहचानती है।
अब कोई तेरे पैदा होने का
गम मनाता हैं नहीं
कोई मुझ को तस्सली
देने आता हैं नहीं।
लोग कहते हैं
आपकी बेटी हैं बेटों से बढ़कर
मेरे लिये तुम बेटी हो
बेटी ही रहोगी।
ये है तुम्हारी पहचान,
इसको ही बढ़ाना
इसके साथ ही तुमको है
अपना हर कदम बढ़ाना।
मैं हूँ सदा तेरे साथ ये जान लेना
पर अपना आशियाना तुझे खुद है बनाना
आसमान को छूना, पर्वतों को चूमना,
मेरी गुड़िया जहाँ तुम हो खुश
बस वहीं रहना, बस वहीं रहना।