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Ruchi Madan

Abstract

2.0  

Ruchi Madan

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मत उम्मीद कर उनसे

मत उम्मीद कर उनसे

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जिनको समझते हो अपना

वो बेगाने है जान लो,

दिल टूट जायेगा, एक दिन

ये जल्दी ही मान लो,

कोई कश्मकश की गुंजाइश है नहीं

अब हो तन्हा हो तुम, हो अकेले

अब मान लो।


उम्मीद किसी से ना करना

कोई नही यहाँ अपना

मर भी गर तुम जायो

किसी के लिये ना कोई सदमा

दो आँसू भी उनकी आँखों में शायद

मुश्किल ही आये, जिनकी खुशियों

के लिए तूने है उसके सजदे मै कई बार

अपने सिर झुकाये।


जान लो जल्दी, अभी मजबूत

भी बनना है तुम्हें,

आँखों से बहने वाले आँसुओं

को पीना है तुम्हें

दिल को अपने मजबूत बना ले इस कदर

हो जाये ग़र टुकड़े भी तो ना बिखरना।


है तुझे, बेगैरत है ये दुनिया

कोई नहीं है तेरा

मत कर उम्मीद तू सब से,

कोई नहीं है तेरा।


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