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Ruchi Madan

Tragedy

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Ruchi Madan

Tragedy

कुछ छोड़ आया हूँ पीछे

कुछ छोड़ आया हूँ पीछे

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कुछ खो गया है अरसे से जिंदगी में

पर कैसे ढूँढू, मिलता नहीं कहीं वो


कभी ढूंढता हूँ उसको मिट्टी में उस गली की

सहेज लेता हूँ टूटे हुए खिलोनो को मैं अभी भी


हँस लेता हूँ याद करके बचपन के वो फ़साने

तस्वीरों में देख कर चेहरे वो हँसते,


रो पड़ता हूँ खुद पे ही, क्या मिल गया मुझे

जितना खो दिया है मैंने क्या पाया मैंने


हंसना भी दिल से कब का भूल गया हूं मैं

शरीर तो ज़िंदा है पर, आत्मा छोड़ आया हूं मैं।


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