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Ruchi Madan

Romance

4.4  

Ruchi Madan

Romance

तेरे आगोश में

तेरे आगोश में

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छूनी थी जो तेरे होठों को

वो मुस्कान अब भी बाकी है

गुजर जाती एक खूबसूरत रात

तेरे आगोश में पर आज भी वो

रात बाकी है


जो टकरा ना सके आपस में

दो जाम वो अब भी बाकी है

इन चादरों की सिलवटों में

इन मुरझाये गुलाबों में


ना जाने क्यूँ पर

तेरी याद अब भी बाकी है

मिलना तो अब नही हो शायद

पर धड़कनों में मेरी तेरा

अहसास अब भी बाकी है।


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