नवरात्र
नवरात्र
माता तेरे आने से ही घर में रौनक छाई है
चांद तारों को संग में ले कर
माँ तू मेरे घर में आई है
तेरे आने ही से मईय्या
खुशियां घर में आई है
शैलपुत्री बन कर मईय्या
तूने मेरा चौखट पार किया
माँ ने मेरी बड़े आदर से
माँ तेरा सत्कार किया
हम सबका उद्धार तू करने
बन ब्रह्मचारिणी आई है
तेरे ही महिमा ने माता
जग में रौशनी फैलाई है
धूप दीप जला कर जब माँ
हम तेरी आरती गाते हैं
चंद्रघंटा-कुष्मांडा के रूप में
तभी तो तुमको पाते हैं
कितने सुंदर कितने पावन
माता तेरे रूप है
स्कंदमाता तुमसे ही तो
सुख दुख छांव धूप है
गोबर से लिप कर आंगन
निम की डाली द्वार पर सजाई है
तभी तो पायल की छम छम करती
माँ कात्यायनी घर में
अन्न धन ले कर आई है
कालरात्रि माता तेरी
महिमा भी अपरम्पार है
जब जब जग संकट में आया
हम करते तेरी गुहार हैं
महागौरी के रूप में मईय्या
तू सुख शांति की फुहार है
माँ तेरे हर रूप में मिलता
हमको सिर्फ दुलार है
सिद्धि हेतु मईय्या हम करते जिनका जाप हैं
हे जगतजननी माँ सिद्धिदात्री
वो तो माता हमारी आप हैं ।।