रिश्ता
रिश्ता


किसी सख्श को परखने में वक़्त जाया नहीं करते
जब रिश्ते निभाने हो तो आजमाया नहीं करते
निभाना है तो शिद्दत से निभाओ
रिश्ते खून के हो या दूर के दिखावा नहीं करते
रिश्ते निभाने हो तो आजमाया नहीं करते
तुम्हारा है तो तुम्हारा ही रहेगा
किसी सख्श को अपना बताया नहीं करते
जब रिश्ते निभाने हो तो आजमाया नहीं करते
अपना हो या पराया इंसान ही है
किसी गैर के प्यार को ठुकराया नहीं करते
जब रिश्ते निभाने हो तो आजमाया नहीं करते
इकरार की नहीं इश्क़ एहसास की मुहताज है
महबूब से कभी इश्क़ जताया नहीं करते
जब रिश्ते निभाने हो तो आजमाया नहीं करते
किसी सख्श को परखने में वक़्त जाया नहीं करते
अश्क बह रहे हैं तो बह जाने दो
किसी रोते हुए सख्श को हँसाया नहीं करते
जब रिश्ते निभाने हो तो आजमाया नहीं करते
पत्थर मार लेना किसी को लाजमी है
खुद के दिल को कभी पत्थर बनाया नहींं करते
जब रिश्ते निभाने हो तो आजमाया नहीं करते!