चार दोस्त
चार दोस्त
चार दोस्त हर वक़्त मस्ती में यार
किसी के पास साइकल कोई पैदल वाला यार
एक चॉकलेट हिस्से लगते थे चार
रूठ हुए लगते है वो दिन यार
ला दो ना कोई शरारत वाले यार
बहुत याद आता है एक -एक दिन यार
रास्तों में साथ का ख्याल आता कई बार
ला दो ना रूठे हुए दिन यार
बहुत याद आता है बीते हुए दिन यार
आ चल कुछ खाने चलते है ना यार
भीड़ में अक्सर पैदल घर जाया करते थे
हंसने के लिए भी साईकिल से उतर जाए करते थे
छोटी बातो पर हम लड़े थे कई बार
ला दो ना रूठे हुए दिन यार
अकेले अब घुटन सी होती है
कोई दर्द नहीं समझता यार
ला दो ना रूठे हुए दिन यार।