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Cute Mehak

Children Stories

3.5  

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मेरे मां बाबा

मेरे मां बाबा

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मैं जब भी महफ़िल में जाती हूं

सबको यही समझती हूं

  

मैं कोई पंछी नहीं जो 

हर वक़्त पिंजरे में कैद कर दी जाती हूं

  

मुझे ठोकर लग जाती है 

मेरी मां पत्थरो को हटाती है 

  

मेरी हर सपने को 

मेरी मां अपने आंचल में रख के सजाती है 


मुझे हंसता देख

मां आज भी मुस्कुराती है ।


पापा कहते है ,

कली है खिल जाने दो 

घर आंगन को खुशियों से महकाने दो 

 

तितली ही तो है हमारी 

खुले आसमान में उड़ जाने दो 

  

नन्हे नन्हे कदम है  

गिर कर सम्भल जाने दो 


अपने नन्हे हाथों से 

अपनी प्यारी दुनिया सजाने दो 


कली है खिल जाने दो 

तितली है आसमान में उड़ जाने दो ।

  



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