जब बेटी से हो गयी गलती तब अक्ल ठिकाने आयी थी। जब बेटी से हो गयी गलती तब अक्ल ठिकाने आयी थी।
दिन बाँट लिए हर मजहब के, हर रंग रंगी बेबस नारी। दिन बाँट लिए हर मजहब के, हर रंग रंगी बेबस नारी।
मुझे नाम याद था पर मुझसे बुलाया ना गया। मुझे नाम याद था पर मुझसे बुलाया ना गया।
कोई देखता है छिपकर जैसे बाज सी फितरत है उसकी ! कोई देखता है छिपकर जैसे बाज सी फितरत है उसकी !
अभी दो घंटे लंबा उनका प्रोग्राम है जय हो गंगा मैया चलो कुछ तो आराम है। अभी दो घंटे लंबा उनका प्रोग्राम है जय हो गंगा मैया चलो कुछ तो आराम है।
बाग में घंटों बैठे रहना, एक दूसरे को देखते रहना, इधर उधर के बातें करना, बाग में घंटों बैठे रहना, एक दूसरे को देखते रहना, इधर उधर के बातें करना,