मैं ऑन लाइन अध्यापिका हूँ। समय मिलने पर कुछ लिख लेती हूँ।
हृदय में राम स्थापित कर चलो दीप जलाएँ। हृदय में राम स्थापित कर चलो दीप जलाएँ।
खाली शीशे की बोतल नहीं कुछ और भी है बताना होगा। खाली शीशे की बोतल नहीं कुछ और भी है बताना होगा।
यूँ ही प्रेम सागर में वास करती ही रहती। काश मैं छोटी ही रहती। यूँ ही प्रेम सागर में वास करती ही रहती। काश मैं छोटी ही रहती।
तब भी सुनामी के नीर की शक्ति तुझे समझ न आई। तब भी सुनामी के नीर की शक्ति तुझे समझ न आई।
बरसात में बरसे नैना समझ न पाए, बादल बरसे या बरसे नैना । बरसात में बरसे नैना समझ न पाए, बादल बरसे या बरसे नैना ।
एक दूसरे को निहारना, बिन बोले बतियाना । एक दूसरे को निहारना, बिन बोले बतियाना ।
तुझे हम न समझ पाए राम । तुझे हम न समझ पाए राम ।
काल के जंजाल से और ये क्षण, ये पल यादगार बना जाते। काल के जंजाल से और ये क्षण, ये पल यादगार बना जाते।
"सुबह का भूला शाम को घर आ जाए तो भूला नहीं कहलाता " बस यही जीवन में समझ नही "सुबह का भूला शाम को घर आ जाए तो भूला नहीं कहलाता " बस यही जीवन मे...
भटकते इंसान अनजान राहे जाने कहाँ ले जाए । भटकते इंसान अनजान राहे जाने कहाँ ले जाए ।