आओ मिलकर दूर करें
आओ मिलकर दूर करें
छाया संकट राष्ट्र पटल पर,आओ मिलकर दूर करें।
बने सारथी मनुज मनुज का, यह प्रयत्न भरपूर करें।।
आत्मनिर्भर सब बन जाएं, सब में विद्या का संबल हो।
परित्याग हो वस्तु विदेशी, स्वदेशी का भाव प्रबल हो।।
आश्रित समझ जो मद में ऐठे, उनके मय को चूर करें।
छाया संकट राष्ट्र पटल पर, आओ मिलकर दूर करें।।
भारत की अखंड संप्रभुता, खंड नहीं कर पाओगे।
वार करोगे यदि इस पर, मुंह की तुम ही खाओगे।।
वीर सपूतों की यह वसुधा, इस पर हमको अभिमान बड़ा।
करें समर्पित सब कुछ अपना, इससे सब का मान जुड़ा।।
दिव्य ज्ञान की ज्योति जला कर, अंधकार को दूर करें।
छाया संकट राष्ट्र पटल पर, आओ मिलकर दूर करें।।