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Anita Sharma

Drama Romance Tragedy

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Anita Sharma

Drama Romance Tragedy

बस मेरा कुसूर

बस मेरा कुसूर

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सुनो ना एक बार ही सही तुम वो सच्चा प्यार जता देना !

इस क़दर मुझसे बेरुखी क्यों...बस मेरा कुसूर बता देना


कभी खिलती मुस्कान में छुपा दर्द भी जान लेते थे तुम,

मेरी हर ख्वाहिश बताने से पहले हँसकर मान लेते थे तुम,

वही जज़बात तुम दिखा दो फिर जितना भी सता लेना,

लेकिन सुनो ना ! एक बार ही सही तुम वो सच्चा प्यार जता देना,

इस क़दर मुझसे बेरुखी क्यों...बस मेरा कुसूर बता देना !


झूठे दिलासों से बरबस क्यों तुम मेरा ध्यान

भटकाते रहे,

क्यों बिगड़ते हालातों से भी खुदको अनजान ही बताते गए,

वो एहसासों के परिंदे कहाँ उड़ गए...ज़रा उनका पता देना,

लेकिन सुनो ना ! एक बार ही सही तुम वो सच्चा प्यार जता देना,

इस क़दर मुझसे बेरुखी क्यों...बस मेरा कुसूर बता देना !


वैसे दिल के राज़ को कोई बेवफा कब समझ पाया है,

धोखे में रख कर वफ़ा पर यूँ…नासमझ बन आया है,

गर कुछ समझ न पाए हो तो...हर याद दिल से मिटा देना,

लेकिन सुनो ना ! एक बार ही सही तुम वो सच्चा प्यार जता देना,

इस क़दर मुझसे बेरुखी क्यों...बस मेरा कुसूर बता देना !


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