ज़रूरी है क्या।
ज़रूरी है क्या।
हम भी रोते है रातों में सब को बताना ज़रूरी है क्या।
यादें बहुत सताती है इजहार करना ज़रूरी है क्या।
खामोश है अब सब कुछ सह के बर्दाश्त कर के भी।
कितने जख्म खाए है यह दिखाना ज़रूरी है क्या।
मशवरा तुम्हारा बिल्कुल समझ नहीं आया मेरे भाई।
सलाह जो दी है एक तरफा करना ज़रूरी है क्या।
कोशिशें की थी गलतफहमियों को दूर करने की।
हर दफा ख्वाहिशें जतन मुझसे हो ज़रूरी है क्या।
अब तो अपना पक्ष बताना ही छोड़ दिया है आमिर।
पीछे बोलने वालों से उम्मीद रखना ज़रूरी है क्या।
