STORYMIRROR

Pankaj Prabhat

Drama Romance Tragedy

4  

Pankaj Prabhat

Drama Romance Tragedy

कभी याद तो आती होगी

कभी याद तो आती होगी

1 min
339

कभी याद तो आती होगी, तुम्हें मेरी वो मोहब्बत,

जिसे जान कर भी तुम अंजान रहा करती थी।

जब भीड़ में तुम्हें थी, एक मेरे साथ कि चाहत,

फिर पास मेरे होकर भी, थोड़ा दूर रहा करती थी।

कभी याद तो आती होगी, तुम्हें मेरी वो मोहब्बत…..


तुम्हें देख मुझे खुशी थी, मुझे देखकर तुम्हें सुकूँ,

आँखों में जो बतिया लेती थी, वो क्या-क्या लिखूँ।

पलट कर फिर चल देती थी, बेख्याल होकर मुझसे,

बेफिक्र होकर भी मुसझे, ध्यान मुझपर रखा करती थी।

कभी याद तो आती होगी, तुम्हें मेरी वो मोहब्बत…..


मैं कुछ तो नही था, और तुम तो बहुत खूब थी,

मेरे नाम का तुम मतलब थी, मेरे लिए मेहबूब थी,

इश्क था तुम्हें भी शायद, पर तुम में दुनियादारी भी,

दुनिया में ठुकरा कर मुझको, बस दिल में चाहा करती थी।

कभी याद तो आती होगी, तुम्हें मेरी वो मोहब्बत…..


तेरे इश्क में दीवाने हो गए, तेरी चाहत ने शायर किया,

तुझसे बिछड़ कर जीने लगे, ज़िन्दगी को गुलजार किया।

पंकज के साथ खुशबू जुड़ी है, तासीर अभी भी है बाकी,

हर रात का प्रभात होता है, तुम भी शायद ये कहा करती थी।

कभी याद तो आती होगी, तुम्हें मेरी वो मोहब्बत…..


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama