मैं और तुम
मैं और तुम
कितने सुन्दर दिन हो जाते
मैं और तुम जब हम हो जाते.....
ना दिखती कोई बुराई
ना होती कभी लड़ाई
खुशियों के हर मौसम हो जाते
मैं और तुम जब हम हो जाते.....
ना होती खींचातानी
ना करता कोई मनमानी
मैं तुमको समझती तुम
मुझको समझ जाते फिर
कितने हसीं वो पल हो जाते
मैं और तुम जब हम हो जाते........
जब तुम मुझको मनाते
मैं झट से मान जाती
करते थोड़ी नादानी
और थोड़ी सी शैतानी
लौट के फिर बचपन आ जाते
मैं और तुम जब हम हो जाते........
