परिवार
परिवार
मेरा एक छोटा सा घर
सजाया जिसे मैंने सुंदर
पति और बच्चों के होने से
बन जाता जो प्यारा सा मंदिर।
आते जब भी मेहमान दर पर
तारीफ किए न रहे पाते पर
हरा -भरा रहे परिवार सब से
दूर ना रहे कोई पल भर ।
विचारों में हो मतभेद अगर
सच्चाई का रास्ता चुने मगर
एकजुट होकर रहे हमेशा
घर के बाहर हों या अंदर ।
छोटा सा है मेरा परिवार
बस लगता कभी- कभी थोड़ा डर
नज़र न लगे कभी इन्हें
बना रहे बस हमारा प्यार ।
