मेरी चाहत
मेरी चाहत
कितनी जादू है तेरी आँखों में
की देखते ही मचलने लगते हैं
इस तरह न तड़पाओ अपने ख़ामोशी से
की पतझड़ में बारिश की आस लगा लेते हैं
होठों पे तेरी मुस्कराहट चाहिए
मेरे हाथों में तेरा हाथ चाहिए
और कुछ भी न मिले ज़िन्दगी में
बस एक तेरा ही साथ चाहिए
संगमर्मर की मूरत है तू
चाँद से भी ख़ूबसूरत है तू
कैसे बताऊ तुझे
मेरी ज़िंदगी की ज़रूरत है तू
आँखें तेरी शराब हैं
होठें तेरे गुलाब हैं
तू मेरे लिए जैसे
कोई शायरी की किताब है
तेरे आँखों के साहिल में हम डूब जाए
ये वक़्त बस यही ठहर जाए
तेरे हाथों में मेरा हाथ हो
और ये ज़िंदगी ऐसे गुज़र जाए।

