एक हसीन मुलाकात
एक हसीन मुलाकात
ज़िन्दगी की राह पर, भटका हुआ मुसाफ़िर बन गया था
बेरंगी सी थी जिंदगी, तन्हा लम्हों में जीता चला जा रहा थ।
फिर वक़्त ने ऐसी चाल चली, ख्वाब हक़ीक़त बनने लगी
एक हँसी सामने आई और दिल में समाने ले।
दिल झूम उठता है जब याद आती है हमारी पहली मुलाकात
पलकें उठी नज़रे मिली दिल से दिल की हुई बात
दिल के दरवाज़े पे हुई आहट, मिले हो जैसे खुशियों के जज़बात
भा गई मुझको उनकी चेहरे की मासूमियत और बातों कि नज़ाकत।
अब तक थी जो परायी , बिलकुल अनजानी, लगने लगे अब अपने
क्या बताऊँ , उसने खुली आँखों में दे दी ढेर सारे सपने।
एक दिन हिम्मत जुटाया और प्यार का इज़हार किया मैंने
किस्मत चमका, बात बढ़ी आगे और दिल के तार लगे जुड़ने।
अब हमने थाम लिया हैं एक दूसरे का हाथ ,
वादा किया है निभाने का जीवन भर का सा।
अब गाते हैं खुशियों के गीत मिलके हम दिन और रात
जीवन को बना देती है हसीन, कभी कभी एक मुलाकात।