१५ साल के बाद की मुलाक़ात
१५ साल के बाद की मुलाक़ात
कल शाम की
सुना रहा हूँ ये बात
सब्ज़ी मंडी पहुँचा
झोला लिए हाथ
१५ साल पुरानी
मुहब्बत दिखी अकस्मात
आँखों ही आँखों में
हुई हमारी मुलाक़ात
शर्मा के, नज़रें झुका के
और थोड़ा मुस्कराके
किया हैल्लो मेरी तरफ़
हाथ हिला के
फिर अपने दोनों बच्चों से
बोली मिलवा के
बेटा मामा को नमस्ते करो तुम
बच्चे भी मेरी तरह थे मासूम
बोले- मम्मी इतने तो आपने
आलू नहीं ख़रीदे
जितने बाज़ार में आज
मामाओं से मिलवा दिया।