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Swapnil Saurav

Comedy

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Swapnil Saurav

Comedy

चाची की बीमारी ने

चाची की बीमारी ने

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रामु चाचा की ये सच्ची  कहानी 

सिर्फ चाची की चलती मनमानी 

मांगते थे रोटी तो मिलता पानी 

पर चाची हमारी रोज़ खाती खुबानी।

 

चाची अक्ल की थी थोड़ी मोटी

 हइट में भी थी थोड़ी छोटी 

बेलन से थी हमेशा डराती 

घेर पे कपड़े भी थी धुलवाती।


सप्ताह में एक बार पिक्चर जाते 

बाहर खाये बिना हफ्ता न गंवाते  

बात बात पर उनको गुस्सा आता 

गिफ्ट देकर चच्चा अपनी जान बचाते। 


ब्यूटी पार्लर भी था रोज़ उनको जाना 

पैसे उड़ाकर ही उनको चैन था आना 

चाची जहां से भी गुजरती लाती क़यामत 

बेचारे चाचा की हो जाती हज़ामत। 


एक दिन चाची हो गयी बीमार

मौसम ने हालत कर दी और बिगाड़ 

रोज़ ही उनको दिखने लगे यम 

बस लेने लगी वो आखरी दम। 


एक दिन  प्यार से चाचा को पास बुलाई 

बोली, जाने के बाद, 

मत सोचना की पीछा छोड़ गयी 

भूत बनकर वापस फिर  आऊँगी 

रात दिन तुम्हें सताऊंगी। 


चाची के बिमारी की थी पहले से ही मार 

ऊपर से घर पर डेरा डाल दिए रिश्तेदार 

ऊपर से चाची के आ गए मामा 

पूरे घर में रोज़ होने लगा हंगामा।

 

चाचाजी रहने लगे बहुत ही

परेशान चाची ने लिया

उनकी हालत पहचान 

चाची को लगा चाचा

का हैं सच्चा ईमान 

धीरे धीरे ठीक हुई,

अब है चाचा की शान। 


अब दोनों एक दूसरे के लिए है रहते 

कोई गलत भाव बीच में न आने देते 

चाची की बिमारी ने किया 

रामबाण का काम 

दूर हो गए उनके गीले शिक़वे तमाम।


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