मच्छर का मुन्ना
मच्छर का मुन्ना
एक मच्छरनी ने मच्छर से कहा
सुनोजी मुन्ना बीमार हो गया है
पता नहीं
कहाँ से खून चूस कर आ रहा है।
ऐसी वैसी जगह जाने से
मना किया था उसे
सिर्फ मरने मारने की बात कर रहा है
पता नहीं कहाँ से खून चूस के रहा है।
संस्कार हमने जो दिए वो धुत्कार रहा है
कहता है छेद करके चूसनेमें कोई इंसानियत नहीं
खाके थाली में छेद करने में मजा आता है
पता नहीं कहाँ से ए सीख के आता है।
महीनों से जलसों के पीछे भाग रहा है
लौट के जब से आया है
गिरगिट की तरह रंग बदल रहा है
पता नहीं कहाँ से खून चूस के आ रहा है।
औरों के संगत में पूरा बिगड़ गया है
आज तक जो नहीं हुआ वो हो रहा है
हमारे शादी का सबूत मांग रहा है
पता नहीं कहाँ से खून चूस के आ रहा है।
कल आज कल का इसे इल्म नहीं
अपने वजूहात मिटाने पे तुला हुआ है
घर जलाने की बातें कर रहा है
पता नहीं कहाँ से खून चूस के आ रहा है।
देसी शुद्ध खून हमने खूब चूसा है
जहरीला खून चूस के ए परेशां हो रहा है
इसकी तबियत बद से बदतर हो रही है
पता नहीं कहाँ से खून चूस के आ रहा है।
स्वच्छ अभियान से जीना मुश्किल होने वाला है
भागवान - मैं इंसान को तुमसे ज्यादा जानूं
अच्छी बात बतानेवाले का कौन कहाँ सुनता है
मुन्ने को छोड़ चल कुछ अच्छा चूस के आते हैं
चल कुछ अच्छा चूस के आते हैं।