बचपन बह जाता न जाने, कब अहं की धार में, बचपन बह जाता न जाने, कब अहं की धार में,
मुन्ने को छोड़ चल कुछ अच्छा चूस के आते हैं चल कुछ अच्छा चूस के आते हैं। मुन्ने को छोड़ चल कुछ अच्छा चूस के आते हैं चल कुछ अच्छा चूस के आते हैं।