कोरोना माता (मारवाड़ी)
कोरोना माता (मारवाड़ी)
या कोरोना माता तो
गैल ही पड़गी
म सोची की आई ह
तो चली जासी बापड़ी
पन
ई की वजह स य
लॉकडाउन भी गले पड़गी
इब के बताऊं था न
मेरो दुख
मोट्यार सगळा घर पर ही है
सुसरो जी 10 10 मिनट
प बोल ह
बिन्नी चाय बना दे
नींबू ज्यादा दिए
नही तो
म न चाय भाव कोणी
नींबू निचोड़ती सोचूं हूँ
मेरी भी य ही दशा हो री ह
सोची थी कि मेरो बिंद
घरा ही रवगो दो
प्यार की बातां करंगा
पन के बेरो सारा दिन ब
रामारी फोन ले क बा के बोल ह
चेस हाँ बो खेळतो र व ह
बोल न स बोल ह के करूं
सोक ह म न , इब ही तो
पूरो करूँगा ....
और जानो हो ब काम कर न
ब बाई आव ह न , ब देवी को
दर्षन नहीं दे न स म तो एकदम
सुखन पड़गी
कमर टुट गी के क करा
ब एक छोरी आती थी
ब मेरो होंठ के उपर स रोओं
काढ़ देती
मेरी भौं ठीक कर देती
अब के बोलूं था न
इब तो भूतनी लाग न लाग गी जी
के दुखड़ो ओर सुनाऊ
थे सब ठीक से र ज्यो
घरां का अंदर ही र ज्यो
मोट्यार ज्यादा तंग कर तो
बी न खानों मता दीजो
चलो म जाऊं हूँ इब
