अभिनेत्री
अभिनेत्री
ये बहुत सुन्दर दिखतीं हैं
हमेशा मुस्कुराती रहतीं हैं
उदासी उन्हें छू कर भी नहीं जाती
उन्हें देखकर बरबस ही लगता है
जिंदगी हो तो इनके जैसी हो
अच्छे कपड़े बड़ी सी गाड़ी
और ये मुस्कान उफ्फ
पर ये कम ही लोग जानते है की
हर वक्त मुखौटे में रहना उनकी
मजबूरी है
प्रोटोकॉल नाम की भी कोई
चीज होती है की नहीं......
उन्हें ये निभाना पड़ता है
क्योंकि हर वक्त
आंखें और तकनीकी आंखें
इन्हें घूरती रहतीं हैं
अगर कभी दिल को किसी
बात ने छू लिया और बरबस
आंसू निकल आए तो ऐसा
लगता है जैसे उन्होंने गुनाह कर दिया
माफी मांगते हुए
मेकअप बचाते हुए
टिश्यू से बस आंसू की बूंद
छू कर जज़्ब कर लेती है
अपने दिल में
और फिर मुस्कुरा कर
सहज हो जाती है
अपने मुखौटे में
जानते हैं
इनके आंसुओं को
भी बख्शा नहीं जाता
टीआरपी और नौटंकी
के नाम से नवाज़ दिया जाता है
इसलिए तो कहते हैं
ये अभिनेत्रियां भी गजब की
होती हैं जनाब
न ही खुश हो सकती हैं
न उदास और सहज
तो हो ही नहीं सकतीं ....