नेता जी
नेता जी


भाषण देते, आश्वासन देते,
कुशासन देते नेता जी,
चुनावों में वादे भी करते,
और फिर भूल भी जाते नेता जी।
मुद्दों की कभी बात न करते,
बस बयानबाजी करते नेता जी.
हिन्दू-मुस्लिम में फर्क दिखाकर,
आपस में लड़वाते नेता जी।
धर्म की उनको तनिक फिकर न,
पर दिखलाते नेता जी.
मन्दिर, मस्जिद और गुरुद्वारे में,
हमें उलझाते नेता जी।
वोट पे उनकी नजर है रहती,
हर हथकंडे अपनाते नेता जी,
और फिर संसद में गले पड़कर,
आँख मारते नेता जी।
विपक्ष में रहते, कुछ कहते,
सत्ता में पलट जाते नेता जी,
सारी दोष कुर्सी का है जी,
बेबस हो जाते नेता जी।
प्रखर वक्ता और दूरदर्शी सोच से,
'अटल' हो जाते नेता जी,
पोखरण और सर्जिकल से,
देश का मान बढ़ाते नेता जी।