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Avinash Kumar Barnwal

Romance

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Avinash Kumar Barnwal

Romance

जुल्फों का बिखरना याद आ गया

जुल्फों का बिखरना याद आ गया

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काली घटा-सी छायी थी आसमां में चारों ओर

मुझे तेरे जुल्फों का बिखरना याद आ गया।


किनारे से मिले बगैर लौट जा रही थी लहरें

वादे कर तेरा वो मुकरना याद आ गया।


बरस रहा था बादल शहर में कल रात भर

मुझे किसी मासूम का बिलखना याद आ गया।


तन्हा बैठा था सुखी डाल पर इक परिंदा

नम आँखों को तेरा बिछड़ना याद आ गया।


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