जुल्फों का बिखरना याद आ गया
जुल्फों का बिखरना याद आ गया
काली घटा-सी छायी थी आसमां में चारों ओर
मुझे तेरे जुल्फों का बिखरना याद आ गया।
किनारे से मिले बगैर लौट जा रही थी लहरें
वादे कर तेरा वो मुकरना याद आ गया।
बरस रहा था बादल शहर में कल रात भर
मुझे किसी मासूम का बिलखना याद आ गया।
तन्हा बैठा था सुखी डाल पर इक परिंदा
नम आँखों को तेरा बिछड़ना याद आ गया।

