तुझे फिर याद मेरी ही आयेगी
तुझे फिर याद मेरी ही आयेगी
मैंने अपने दिल के हाल लिखे हैं,
हाल तेरे दिल के बयां कर जायेगी।
पढ़ना मुझे तुम अपनी तन्हाई में,
तुझे इश्क़ मेरे ग़जलों से हो जायेगी।
नये शहर और ये नयी दोस्ती,
कुछ दिन ये बहुत लुभायेगी।
मिलोगे जब खुद से तन्हाई में.
तुझे फिर याद मेरी ही आयेगी।
आँखों में होगी नींद नहीं.
तुझे ख़्वाब से तेरे जगाएगी।
बह गये जो तेरी यादों में यूँ हीं,
आँसू का हर वो कतरा तुझे रुलायेगा।