Avinash Kumar Barnwal
Romance
अजीब-सा धन्धा है
इस बाजार-ए-मोहब्बत का।
दर्द खरीदते हैं यहाँ
लोग कतारों में लगकर।
उठा अस्त्र हे...
चराग जरा आहिस...
हमसाया
तेरे निशां
जुल्फों का बि...
मेरे लिखने का...
धंधा
तुझे फिर याद ...
आज भी है
ज़ख्म
मुझे अपने कलम की स्याही में सुरक्षित कर लो, मुझे शब्दों की सशक्त श्रृंखला में हीरे सा मुझे अपने कलम की स्याही में सुरक्षित कर लो, मुझे शब्दों की सशक्त श्रृंखला में...
प्यार कभी खोता नही और न ही अधूरा रहता। प्यार कभी खोता नही और न ही अधूरा रहता।
जब कभी धीमी हवा मुझे छू कर बहती है, तब पता नहीं क्यों मेरे दिल में कहीं बेचैनी सी हो जब कभी धीमी हवा मुझे छू कर बहती है, तब पता नहीं क्यों मेरे दिल में कहीं...
अब रेडियो सी बजने वाली वह गुड़िया ताउम्र को खामोश हो गई थी। अब रेडियो सी बजने वाली वह गुड़िया ताउम्र को खामोश हो गई थी।
हर एक एक पल सदियों की तरह बहने लगे है सीने से हमारे इस प्रेम त्रासदी में कि जैसे लगने लगा है ग... हर एक एक पल सदियों की तरह बहने लगे है सीने से हमारे इस प्रेम त्रासदी में क...
हँसी के उस दीदार में, साथ देने वाले प्यार में सोचो मत, आओ भर दो अपना नाम। हँसी के उस दीदार में, साथ देने वाले प्यार में सोचो मत, आओ भर दो अपना न...
वो एक दूसरे को पीठ ज़रूर किए बैठी है लेकिन एक दूजे से बेइन्तहा इश्क़ भी किए बैठी है। वो एक दूसरे को पीठ ज़रूर किए बैठी है लेकिन एक दूजे से बेइन्तहा इश्क़ भी किए ...
वो तो हमारी हर चिट्ठी को बस काग़ज़ समझते थे। वो तो हमारी हर चिट्ठी को बस काग़ज़ समझते थे।
आसमान की कहानी सुनो, मिलन का मौसम है। प्यार की राहों में, सुबह की पहली किरन है। आसमान की कहानी सुनो, मिलन का मौसम है। प्यार की राहों में, सुबह की पहली किरन ह...
मैं तो अपने को भूल रहा, तुम कर लेती हो याद मुझे। मैं तो अपने को भूल रहा, तुम कर लेती हो याद मुझे।
कहता है वो पिता है अपने बच्चे को कविता मे सांस लेते महसूस करता है। कहता है वो पिता है अपने बच्चे को कविता मे सांस लेते महसूस करता है।
हाँ वो तुम ही हो जिसने मुसीबतों से लड़कर, हँसकर जीना सिखाया है तुमने। हाँ वो तुम ही हो जिसने मुसीबतों से लड़कर, हँसकर जीना सिखाया है तुमने।
हां बहुत बुरे हो तुम कभी भी मुझे बांहों में घेर नहीं कहते हो जान न ही जानू न देते हो गुलाब न ही ... हां बहुत बुरे हो तुम कभी भी मुझे बांहों में घेर नहीं कहते हो जान न ही जानू न...
हे राधे ! क्या मुझे छोड़ने तुम नही आओगी तुम अपने कान्हा को विदाई दे पाओगी हे राधे ! क्या मुझे छोड़ने तुम नही आओगी तुम अपने कान्हा को विदाई दे पाओगी
"फूल" के लिए मोगरे के फूल लाया हूं बहारों से चुराकर थोड़ी महक लाया हूं। "फूल" के लिए मोगरे के फूल लाया हूं बहारों से चुराकर थोड़ी महक लाया हूं।
हृदय क्षितिज में घर्राते बादल, गर्जना छोड़ , बरसात बरसा। हृदय क्षितिज में घर्राते बादल, गर्जना छोड़ , बरसात बरसा।
जगमगाता आकाश, बिछा दिया सितारों का जाल। जगमगाता आकाश, बिछा दिया सितारों का जाल।
रात की गहराइयों से, निकलती है मुसीबतों की छाया, संगीत की बाँहों में, खो जाता है हर दुख रात की गहराइयों से, निकलती है मुसीबतों की छाया, संगीत की बाँहों में, खो जाता ...
तुम खुशियों के शीशमहल में, तुम मेरी तन्हाई में.. तुम खुशियों के शीशमहल में, तुम मेरी तन्हाई में..
जिंदगी का हर पग तुम्हें मैं अर्पित करना चाहती हूँ। जिंदगी का हर पग तुम्हें मैं अर्पित करना चाहती हूँ।