एक सुनार
एक सुनार
1 min
7.9K
रात के अंधेरों से
सांझ के बसेरो तक,
मैंने खोजा एक सुनार..
जो मुझे ठोके पीटे
मगर उभार लाए,
हमेशा मेरे अंदर
एक नया कलाकार..
कोयल और वसंत
जैसा अपना वास्ता,
खट्टे लगे वो आम
जिसमे शुमार ना हो
अपनी यारी बेनाम ..
हूँ मैं तुझ सा हू-ब-हू ,
और तेरी रग-रग से रू-ब-रू
आँखें बंद कर बता दूँ तेरी अवस्था
क्योंकि तेरे दिल और
मेरे दिमाग का साझा है रास्ता।।