तू ठीक है !
तू ठीक है !
तुझको पुकारे दोस्तों की चीख गर हज़ारो में,
दिन हो या आधी रात तेरे संग हर बहारो में।
तरक्की के पड़ाव में गर साथी तेरे साथ है,
ये ज़िंदगी की प्रीत है, तू ठीक है! तू ठीक है!
वो तेरी ज़िद को पूरी करने वाले अगर साथ है,
सर पे छत्त आराम की दो चाय उनके साथ है
सुकून से गर सो रहा अतीत को भुला के तू,
ख़ुशी भरे सब गीत है, तू ठीक है! तू ठीक है!
बचपन गर अप्सरा था, नानी दादी का दुलार था,
पिता का कंधा, माँ की लोरियों का तुझपे प्यार था।
वो नोक झोंक भाई और बहन संग बेशुमार था,
अर्ज़ी ये दूसरो की बनी मर्ज़ी तेरी मीत है, तू ठीक है! तू ठीक है!
गर गलतियाँ करे तो उनसे सीख तू है पा रहा,
संगीत की खुशी को ढूंढ झूम संग जा रहा।
करता भरोसा आईने से झाँकते अस्तित्व पे,
कृतज्ञ होके सर अगर झुकाना तेरी रीत है, तू ठीक है! तू ठीक है!
शुरू किया था कार्य जो वो पूर्ण करना जानता,
आँख मूंद के भी तुझको ख्वाब गर सता रहा।
नयन से हर्ष मोती गर छलकते तेरे बारे है,
वजूद की यही तो तेरी सर्वश्रेष्ठ जीत है, तू ठीक है! तू ठीक !