2020
2020
छूत सब अछूत है, चेहरे सब नकाब है ,
देश की व्यवस्था अब मदस्सरो के हाथ है।
गर्मियों के मौसमो में बाढ़ जैसी टीस है,
तू क्या अजीब चीज़ है ? मैं दो हज़ार बीस है।
ना पढ़ रहे ना बढ़ रहे, घर से चल रहा है घर,
यातायात ठप्प है, क्या गाँव पहुँचाते दो पर ?
शादी हो या शव - दहन, वो ५ इंच स्क्रीन है ,
तू क्या अजीब चीज़ है? मैं दो हज़ार बीस है।
अदृश्य कुछ कणो ने जब पलट दी दुनिया सारी,
इंसान छुप के बैठा है , धरती बनी सफारी।
चीन के भजन के बीच टिड्डी गाते गीत है ,
तू क्या अजीब चीज़ है ? मैं दो हज़ार बीस है।
रसोई, झाडू- कटका आत्मनिर्भर है बना रहा ,
दीप बाती, थाल ठोक तसल्ली देता जा रहा कि
ट्रम्प को सुधारने की भी ना वैक्सीन है ,
तू क्या अजीब चीज़ है ? मैं दो हज़ार बीस है।