अन्ना का दर्द.
अन्ना का दर्द.
जब अन्ना ने अपने चेलों को टटोला,
क्या आज—कल बाबा पड़ गया ढीला।
बड़-बोले बाबा ने क्यों रखा हैं मौन बला,
क्या खत्म हो गया हैं काले धन का मामला।
चेलों ने चतुराई से बताया अन्ना को राज खास ,
काला धन हैं बाबा और नेताओं की साख।
विदेशों में कैसे बचेगी नेताओं की साख ?,
जब काले धन के खाते हो जाएंगे राख !।
चेलों ने अन्ना से नम्रता से सच उगला,
आजकल देश में चल रहा हैं सियासी जुमला।
भ्रष्टाचार, काले धन और बलात्कार पर,
ना करो ऐसे अन्ना तोप-गोलों से हमला,
अन्ना ने चेलों को बताईं राज की बात
बंद करो आप ये मन की बात।
जनता हुयी हैं सतर्क और जागृत,
देखो आनेवाली हैं कल काली रात।
जनता ने परोसी हैं सत्ता की दावत,
बदल डालों अपनी भ्रष्टाचारी आदत।
करो जनता के भले की मन से बात,
वर्ना रहेंगे ढाक के वही तीन पात।
कुछ अच्छा काम करो दिन-रात,
ताकी आए अच्छे दिन और रात।
नहीं तो जनता की पड़ेगी घोड़े वाली लात,
कोई नहीं करेगा फिर जुमले की बात।
