अपनेपन की खुशबू
अपनेपन की खुशबू
ख़ुशबू अपनों की हो आस पास।
भर जाता जीवन में उल्लास।
अंधेरा बैठ जाता चुपचाप कहीं
मन आँगन में रहता प्रकाश।
प्यार के मीठे बोल ,
मिटा देती है नाराजगी।
बचपन की मासूमियत,
ज्यों फूलों की ताजगी।
असीम सुकून माँ की गोद में
लगता जैसे कोई जन्नत।
बिखराना प्यार की खुशबू
किसी से द्वेष रखना मत।
आये इस दुनिया में,
हम सब खाली हाथ।
मिला क़िस्मत से,
अपनों का अनमोल साथ।
मत बनाना दीवार बीच में
लंबी दुख की रात।
अपनत्व से भरे ये रिश्ते,
हैं खूबसूरत सौगात।