सलाह
सलाह
मांगे ना मिलती मदद, ना एक वक्त की रोटी है,
जो बिन मांगे दी जाए, वो सलाह की बोली है।
हर ज़ुबान पे प्रश्न के ढेरों जवाब है जहाँ,
घटना के पहलू चार, सलाह आठ है वहाँ।
इस श्रेणी के लोग आस पड़ोस में पाए जाते है,
तुम कैसे करो जीवन यापन, ये वो तुमको बतलाते है।
अनमोल सलाह ऐसी देते जैसे हो बड़ी गुप्त,
जीवन के तेरे संघर्षों में फिर क्यूँ सेवा उनकी लुप्त?
देने वाला दाता है, वरना किसीको कुछ ना आता है,
ये सोच कहाँ ले जाएगी तुमको, जान के दिल घबराता है।
धरती पे आते है जो सब जीते अपने ढंग से,
अग्रिम छात्र नहीं होते कुछ सीखे गलती के रंग से।
समय जो बदला, बदली लोगो की परछाई,
अपने जीवन पश्चात करना दूजो की भरपाई।
मांगे दी जाए तब होगी महत्ता उसकी पूरी,
चाहे वो ख़ैरात हो या सलाह एक अधरी।ू