नवल आस
नवल आस
नवल आस से है सजा सपनों का संसार,
दुख के पीछे है छुपा खुशियाँ और बहार।
दृढ़ संकल्पित कदम बढ़ाएं जीवन रण में,
सुख दुख का है वास जगत के हर कण में,
हौसलों की अभेद्य दीवार चलो हम बनायें,
नहीं विचलित हो हमारा मन किसी क्षण में।
आकांक्षाओं को पूर्ण करेगा यह नवल सवेरा,
प्रेम और विश्वास का होगा इस धरा पर डेरा,
नफ़रत की लकीरों को मिलकर हम मिटाये,
नहीं भेद रहेगा मन में क्या मेरा क्या तेरा।
उत्तम स्वास्थ्य, समृद्धि सबके जीवन में हो,
निराशा का गहन तिमिर नहीं किसी मन में हो,
जाग उठे मन में जज्बा कुछ कर जाने का,
जोश खरोश उत्साह धरा के हर जन में हो।
नवल आस से है सजा सपनों का संसार,
जीवन अमूल्य इसको करें हम सदा प्यार।