सफलता
सफलता
है ये बड़ा ही गूढ़ सवाल
आखिर कहते हैं किसे, सफ़ल ..ये इंसान..??
क्या उसे जो है धनवान, जो है बलवान
शक्ति, पद प्रतिष्ठा है जिसका अभिमान...!
या फिर वो जो है गुणवान, विद्यावान
या वो जो है उत्साही, जुझारू और धैर्यवान
जिसके पास सुकून है, सीखने का जुनून है
अहंकार से जो दूर है
मानवता जिसमें भरपूर है
स्वार्थ से ऊपर जिसमें परमार्थ परिपूर्ण है
ऐसा होना माना है बेहद कठिन
पर मुमकिन ज़रूर है...!!
सफलता के यहाँ सबके अलग मायने हैं
बड़े ,छोटे, अपने अपने दायरे हैं
सफलता कोई मकाम नहीं
ये एक सफ़र है जो निरंतर है
आत्म विश्वास और धैर्य इसके साथी परस्पर हैं
बस मुझे ये कहना है
किसी की किसी से होती क्यूँ तुलना है
सफलता को गर सच में चुनना है
तो रोज़ तुम्हें तुमसे ही बेहतर बनना है