परिवार
परिवार
परिवार....है जीवन का आधार
हमारा छोटा सा संसार जिसमें बसा है प्यार अपार
ये है व्यक्ति का पहला दर्पण
जहां से सीखा जाता है समर्पण
यहां पाते हैं मन के लिए प्यार
तन के लिए खुराक़
ये है पहली पाठशाला
यही मंदिर, यही है शिवाला
मां की ममता है
पिता दुलार है
भाई बहनों से सज़ा हुआ ये संसार है
परिवार सुकून का सागर है
परिवार से ही मकान घर है
कठिनाइयों की हो धूप अगर
तो परिवार छांव है
ये प्रेम से बसाया हुआ
एक छोटा सा गांव है
बूढ़े बच्चे, किशोर - जवान
हर रंग के फूलों से सजा हुआ है ये बागान
परिवार है तो हम हैं
परिवार ही जीने का साधन है।