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Nirupa Kumari

Others

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Nirupa Kumari

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नवल किरण

नवल किरण

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नवल किरण

महकाती घर आंगन

उम्मीदों सी पावन,वो नवल किरण

कलियों का पट खोलती

अंधियारे में प्रकाश घोलती

सृजन के राग में डोलती

जीवन के राज़ खोलती

पर मुंह से कुछ ना बोलती...नवल किरण

मंदिर के घंटी सी

जंगल की हिरणी सी

फूलों की सखी सी...वो नवल किरण

यूं तो कोमल है शीतल है

पर घनघोर अंधियारे में राह दिखाने को सक्षम है

आसमां से जमीन तक पहुंचती है

रोके किसी के ये ना रुकती है

उम्मीद से ,हौसले से ये सबको भरती है

नमन है तुमको हे नवल किरण।



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