शून्य
शून्य
शून्य
विस्तृत संकुचित
चिर परिचित या
अपरिचित अनंत है सफ़र
शून्य
शून्य
विचारों से
शून्य अरमानों से
या शून्य आसमानों से
बता
बता
जायेगा कहां
आया है कहां
मंजिल है या सफ़र
यहां
यहां
हैं चुनौतियां
हर मोड़ पर
ख़ुद को ले ज़रा
आज़मा
आज़मा
हौसला और
मंजिल ले पा
ज्ञान देता निर्वाण का
रास्ता।