माता पिता
माता पिता
आज लिखने जा रहा हूँ
ईश्वर के दूसरे स्वरूप के बारे में
अपनी जिंदगी लगा देते हैं वो
बच्चों को बड़ा करने में फिर वही
बच्चे एक दिन बड़े होकर पूछते हैं
की तुमने क्या किया हमारे लिए
और वह और कोई नहीं है
वह हमारे माता पिता हैं दोस्तों
कि तुम्हें जन्म देने के लिए कितना
दुख दर्द सहा होगा उस माँ ने
और मत भूल जिस इंसान का
हाथ पकड़ कर तुम ने चलना सीखा है
वह तुम्हारे पिता हैं ना भूल जिस नाम
का आज तुझे गुमान है वह भी उसी
माँ बाप ने दिया है आज थोड़े पैसे
क्या कमाने क्या लगे कि माँ बाप को
ही पैसे लिए तरसाने लग गए मत भूलो
ऐ इन्सानो तुझे इस काबिल बनाने वाले
भी वही माँ बाप हैं खुद ना पड़ पाए
मगर तुझे पढ़ाया है माँ बाप ने |
अपनी सभी ख्वाहिशें दबा ली उन माँ
बाप ने पर तेरी सभी ख्वाइशें पूरी करी हैं
खुद पुराने कपड़े में ही में ही दिवाली
होली मना लिया करते थे पर तेरे लिए
हर बार नए कपड़े लाते थे वह माँ थी
जो खुद खाने से पहले तुझे खाना
खिलाती थी और कभी तू रूठकर खाली
पेट सो जाता था तो वह भी खाली पेट सो
जाती थी तुझे चोट लगे तुझे बुखार हो
जितना दर्द तुझे ना हुआ उससे ज्यादा
तेरी माँ को होता था जो खुद ठंड पड़ने
पर बिना मांगे ही नए जूते अौर जरसी ला
दिया करते थे उसी बाप ने खुद सर्दियां
चप्पल में निकाली होती हैं और तुम पूछते
हो माँ बाप ने क्या किया ही क्या हमारे लिए
अरे उनसे जितना हो पाया उतना किया है
उन्होंने तुम्हारे लिए हर धूप से तुम्हारी रक्षा
की तुम्हें हर सर्दी से बचाया है तुम्हारे कपड़े
तक पुराने होने से पहले नए ला दिए करते
तुम्हारे भूखे होने से पहले रोटी का इंतजाम
किया है तुम्हारी हर ख्वाइश पूरी करने के
लिए वह मेहनत दिन रात करते थे कभी
भी किसी बाप को चैन से बैठा ना देखा मैंने
और आज के कुछ बच्चे को यह कहते सुना है
मैंने कि माँ बाप ने किया ही क्या है हमारे लिए
अरे बड़े अकड़ से कहते हो ना माँ बाप से की
मैं अपनी जिंदगी के एक फैसले खुद लूगा इस
पर तुम्हारा कोई हक नहीं अरे सच तो ये है कि
तुम्हारा भी कोई हक नहीं इस शरीर पर क्योंकि
तुम्हारा यह जन्म उस माँ ने दिया है उस कमाई
पर भी तुम्हारा कोई हक नहीं क्योंकि बाप की
मेहनत से ही तुम पढ़ पाए थे अरे क्या कहते हो
कि माँ बाप के साथ नहीं रह सकता हूँ
तो उनके बनाए घर में क्यों रहते हो
अरे इतना अहंकार और गुमान ठीक नहीं है
जरा खुद का नाम पिता के नाम से हटाकर
देखो क्या से क्या हो जाओगे क्योंकि कोई
पहचान नही रहेगी तुम्हारी तुम्हारे पिता के
सिवा तुम जरा यह तो सोचो अगर घर से
निकाल दिए जाओगे कोई ठिकाना नहीं
रहेगा तुम्हारा अगर माँ-बाप साथ छोड़ दे
तो दूसरा कौन सा सहारा बनेगा तुम्हारा
नहीं मिला ना जवाब दोस्तों
माता पिता से बड़ा कोई नहीं कोई नहीं है
तुम्हारी पहचान उनसे ही है तुम्हारा वजूद
भी उनसे ही है तुम्हारा सहारा भी उनसे ही है
आज भी है और कल भी है बस उनकी सेवा
कर दिया करो दिन और रात क्योंकि पूरा
जीवन भी लगा लोगे तो भी उतना नहीं कर
पाओगे जितना की तुम्हारे लिए तुम्हारे माँ
बाप ने किया है दोस्तों।
