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SHIVAM CHANDER

Inspirational

4  

SHIVAM CHANDER

Inspirational

ना फर्क करो इन्सानो मे

ना फर्क करो इन्सानो मे

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ईश्वर ने बनाये बंदे,

ईश्वर के बनाये बंदे,

इन्सान कहलाते है,

    

ये तो इन्सान ही मजहब के

नाम पर अलग अलग हो गया,

आज इन्सान ही इन्सान का 

दुश्मन हो गया क्यो,


कभी फर्क नही किया ईश्वर ने

अपने बनाये बंदे मे,

 किसी को कुछ ज्यादा ना दिया,

 किसी को कुछ कम ना दिया,

 फिर भी क्यो ना जाने, 

इन्सान ही इन्सान से घृणा करने लगा,

 ईश्वर ने तो सभी धरती पर नेक बंदे भेजे थे,


 यह तो गलती उसकी है, 

जिसने इन्सान को मजहब के नाम पर बांटा है,

 है बढां दी दुरियाँ हिन्दु और मुस्लिम कहकर

 मगर यह तो ईश्वर के बनाये बंदे थे,


 मै पूछता हूँ क्या पहचान है, 

 एक हिन्दु और मुसलमान की

तेरे सीने मे भी वही दिल धड़कता है,

 जो मेरे सीने मे धड़कता है,

 है दो हाथ पैर दिये मुझे भगवान ने,

 है दो हाथ पैर दिये तुझे भगवान ने,

 है दो आँखे दिए देखने के लिए,

 है दो कान दिए सुनने के लिए,

 मुझे भी, तुझे भी,

 है एक आसमान और एक धरती है,

 फिर इन्सान ही क्यो बँट गया दो भागो मे,

 मै पूछता क्या फर्क है हिन्दु और मसलमानो मे,


  यूँ ही ही ना महजब का जहर घोलो,

  इन्सान है इन्सान की तरह रहने दो,

  जब ईश्वर ने कोई भेदभाव ना किया,

  तो हमे भेदभाव सिखाते क्यो हो,


 है एक ही आक्सीजन से जीते सभी

 है एक ही जल जीवन सबका, 

  फिर हमे ही क्यो बाँट रखा है, 

  हिन्दु और मुसलमानो मे,

  इन्सान है इन्सान की तरह रहने दो

 ना फर्क करो इन्सानो....!


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