इज़हार ऐ प्यार
इज़हार ऐ प्यार
बहुत घमंड था मुझे कि मेरे
दिल और दिमाग पर काबू है
और मेरी इजाज़त के बिना
इस दिल में कोई बस नहीं सकता है
पर ना जाने उस में क्या जादू था
जो मेरा दिल और दिमाग बेकाबू
हो गया हमेशा मेरे कहे अनुसार
चलने वाला अब तो मेरी सुनता ही नहीं
आज से पहले कभी ना ऐसा हुआ
हजारों लड़कियाँ मिली जिन्दगी में
पर मेरा दिल किसी पर फिदा हुआ नहीं
क्योंकि ना मुझे किसी की सुंदरता
प्रभावित कर सकती ना किसी का
पैसा प्रभावित कर सकता था मुझे
मुझे तो दिल की साफ और माँ
बाप की कदर करने वाली चाहिए
जिसके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहे
बड़ी से बड़ी मुसीबत में भी कभी ना
घबराने वाली चाहिए
अगर मैं टूटकर बिखर जाऊँ तो
जो उस वक्त संभाल लेने वाली
साहसी बहादुर दिलेर चाहिए
और मुझे जैसी जिन्दगी में कल्पना थी
तुम बिलकुल वैसी ही हो
कुछ तो बात है तुम में
वरना यूं ही मैं भी किसी पर मरता नहीं
अगर मेरा दिल पहली बार किसी
पर आया है तो यह भी मुझे भगवान
की कोई मर्जी लगती है
हां प्यार करता हूँ मैं और बहुत करता हूँ
मगर मैं दूसरों की तरह साथ नहीं छोड़ूँगा
कभी भी इस के लिए तुम्हें तंग नहीं करूंगा मैं
अगर तुम्हारी ना भी होगी तो
उसको भी हँसकर स्वीकार कर लूँगा मैं
क्योंकि प्यार को पाना ही मेरा उद्देश्य नहीं
तुम्हारी खुशी की परवाह भी करता हूँ
तुम लड़की हो ना करने की तुम्हारी भी
कोई वजह हो सकती है
अपने माँ बाप को छोड़ कर आओ
मैं यह भी कभी नहीं कहूँगा मैं
उलटा मैं तो खुश हो जाऊँगा
कि तुमने प्यार की खातिर
अपने माँ बाप का दिल नहीं दुखाया
ना कि अगर तुम किसी से प्यार
भी करती हो तब भी बता देना
जिन्दगी तुम्हारी है उसका फैसला
तुम्हें ही करना है
एक ही बात कहूँगा कि अगर हां
करो तो दिल से करना यूं ही मेरा
दिल रखकर हां बोलकर इस दिल
से खेलना नहीं बहुत दुख होता है
मैं तो संभल जाऊँगा
मगर इस दिल को कैसे संभालूँगा मैं
अगर हां बोलोगी तो हर खुशी दूंगा
जिन्दगी में कभी भी मेरी वजह से
आँख मैं आँसू तक ना आयेगा
यह मेरा वादा है तुझसे
मगर एक बात का तुम भी ध्यान रखना
कभी ये मत कहना मैं अपने माँ बाप छोड़
दूँ प्यार के लिए यह मुझसे कभी ना होगा
तुमसे तो यह दिल कुछ समय से लगा है
पर आपने माँ बाप को 20 साल से प्यार
करता हूँ सिर्फ तुम्हारे लिए मैं उन्हें नहीं
छोड़ सकता हूँ
बाकी तुम जो कहोगी सब-कुछ
कर जाऊंगा मैं औरों की तरह टाइम
पास करने की आदत नहीं मेरी
तुमसे पहले कभी ना सोचा था
मुझको भी कभी प्यार होगा
सोचा था माँ जिसे पसंद करेगी
मैं उसको अपनी जिन्दगी बना लूँगा
अपने इस जीवन में
पहला और आखिर प्यार उसी का
बनना चाहता था मैं
माना तुम बहुत अच्छी हो जिसकी
भी जिन्दगी मैं जाओगी वो कोई
ख़ुशनसीब ही होगा मगर मैं भी
जिसकी जिन्दगी में जाऊंगा
वो भी कम भाग्यशाली नहीं होगी
ये मेरे दिल के जज्बात थे कृपा
इसे सिर्फ शब्द ही ना समझ लेना तुम
बहुत मेहनत की है मैंने औरों से अलग
सोचने और चलने में
अब टूट गया तो बिखर जाऊँगा मैं
इसलिए मेरी तो सिर्फ तुमसे यही आशा है
कि तुम हां करो या ना करो
और ना भी करो तो भी गम नहीं
मगर हां सिर्फ तभी करना
जब तुम मेरा साथ जिन्दगी भर
साथ दे सको मुझे तुमसे प्यार है
और हमेशा रहेगा ऐ दोस्त
तेरी खुशी में मेरी ख़ुशी रहेगी सदा,