लालच मन न बसाई हूँ फिर भी मैं पराई हूँ। लालच मन न बसाई हूँ फिर भी मैं पराई हूँ।
एक छोटी सी है आशा जीने की अभिलाषा। एक छोटी सी है आशा जीने की अभिलाषा।
जब अपने ही होने को बहुमत के स्वर में स्वर मिला वो खुद को नकारने लगे तब ? जब अपने ही होने को बहुमत के स्वर में स्वर मिला वो खुद को नकारने लगे तब ?
है धरती का अस्तित्व जितना पुराना पुराना उतना ही हमारा इतिहास है. है धरती का अस्तित्व जितना पुराना पुराना उतना ही हमारा इतिहास है.