जो भ्रमित हो मन पाठक पढ़कर कभी न ऐसी कल्पना हो। जो भ्रमित हो मन पाठक पढ़कर कभी न ऐसी कल्पना हो।
रोटी की चकरी में हर रोज़ पिसता है... उस मज़दूर के खाते का इतवार... इश्क़ है... रोटी की चकरी में हर रोज़ पिसता है... उस मज़दूर के खाते का इतवार... इश्क़ है.....
तुम्हे बारिश बन शुष्क भूतल कणों का श्रंगार करना होगा तृप्त हो जाये मन मेरा तुमको इस तरह प्यार करना ... तुम्हे बारिश बन शुष्क भूतल कणों का श्रंगार करना होगा तृप्त हो जाये मन मेरा तुमक...
किसान हूँ, व कलमकार। है लेखनी, मेरी धारदार। किसान हूँ, व कलमकार। है लेखनी, मेरी धारदार।
सृजन दिन रात करता हूँ, सदा मैं गीत गाता हूँ। कभी मैं छंद लिखता हूँ,कभी कविता सुनाता हूँ सृजन दिन रात करता हूँ, सदा मैं गीत गाता हूँ। कभी मैं छंद लिखता हूँ,कभी कविता ...
कलमकार हूँ, क़लमकार का , सच्चा धर्म निभाता हूँ। कलमकार हूँ, क़लमकार का , सच्चा धर्म निभाता हूँ।